*पहली चौपाई :*
बाहर निकल भ्रमण जिन कीन्हां।
खाकी-गण दारुन दु:ख दीन्हां।।
लम्ब डण्ड से होत ठुकाई।
करहु नियंत्रण मन पर भाई।।
लॉक डाउन रहहु गृह माहीं।
भ्रमण फिज़ूल करहु तुम नाहीं।।
*दूसरी चौपाई :*
सत्य सखा तव सुंदर वचना।
भेदि न जाइ पुलिस की रचना।।
खाकीधारी अति बलशाली।
मारहि लाठि देहिं बहु गाली।।
पृष्ठ भाग खलु करहिं प्रहारा।
चहूं ओर मचै हाहाकारा।।
जदपि सखा इच्छा मन माहीं।
तदपि कदापि न टहलन जाहीं।।